8 Powerful Mantras to Achieve Everything अपने बच्चों को छोटी उम्र से ही ये आठ मंत्र (श्लोक) जरूर सिखाएं। इससे उनका मजबूत मानसिक विकास होगा और उनको लाखों वर्ष पहले से विकसित हिंदू सनातन धर्म की पहचान हो सकेगी। सभी मंत्र (श्लोक) संस्कृत भाषा में शुद्ध हिंदी अनुवाद सहित है (सभी मंत्र (श्लोक) हिंगलिश भाषा में भी दिये गये है)
प्रात: स्मरण पहला मंत्र (श्लोक) Morning Remembrance
First Mantra (Shloka)
प्रात: उठते ही बिस्तर पर बैठे-बैठे अपने दोनों हाथों की हथेलियों को अपने चेहरे के सामने लेकर आएं और इस पावरफुल मंत्र का उच्चारण करें … फिर दोनों हथेलियों को आपस में रगड़ कर अपनी दोनों आँखों पर लगाएं और घर्षण को महसूस करते हुए अपनी आँखें खोलें …
कराग्रे वसते लक्ष्मीः करमध्ये सरस्वती।
करमूले तु गोविन्दः प्रभाते करदर्शनम्।।
Karagre Vasate Lakshmih
Karamadhye Saraswati
Karmoole Tu Govindah
Prabhate Kar Darshanam
अर्थ : कराग्रे यानि दोनों हाथों की अंगुलियों पर माता लक्ष्मी जी का वास है … जिससे हम कर्म करके धन अर्जित करते है। करमध्ये यानि दोनों हाथों के बीच का भाग जिस पर माँ सरस्वती का वास है, जिनसे हम विद्या व ज्ञान अर्जित करते है। करमूले यानि हाथ का मूल भाग, जिसमें गोविंद यानि भगवान विष्णु का वास है … इसलिए सुबह उठकर सबसे पहले दोनों हाथों की हथेलियों को देखते हुए इस मंत्र का उच्चारण करते हुए इन देवी देवताओं के दर्शन करने चाहिये …
लाभ : इस मंत्र के प्रतिदिन उच्चारण से धन, बुद्धि और समृद्धि की प्राप्ति होती है … और मन में एकाग्रता बढने से आत्मविश्वास मजबूत होता चला जाता है … 8 Powerful Mantras to Achieve Everything


दूसरा मंत्र (श्लोक) श्री गणेश मंत्र
Second Mantra (Shloka) Shree Ganesh Mantra
वक्रतुंड महाकाय सूर्य कोटि समप्रभः।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा।।
Vakratunda Mahakaya
Suryakoti Samaprabha
Nirvighnam Kuru Me Deva
Sarva-Kaaryeshu Sarvada
अर्थ : भगवान श्री गणेश, घुमावदार सूंड और भव्य राजसी रूप वाले जिनकी चमक; लाखों सूर्यों के समान है … मैं आपसे सभी बाधाओं को दूर करने और मेरे सभी प्रयासों में सफलता सुनिश्चित करने की प्रार्थना करता हूँ …
लाभ : देवादिदेव महादेव व गौरीपुत्र भगवान श्री गणेश जी के इस पावरफुल मंत्र को किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत से पहले दोहराने पर सभी विघ्न दूर हो जाते है और हमें सफलता मिलती है … इस मंत्र के प्रतिदिन उच्चारण से मन में एकाग्रता भी बढ़ती है … 8 Powerful Mantras to Achieve Everything

तीसरा मंत्र (श्लोक) श्री गायत्री मंत्र
Third Mantra (Shloka)
Shree Gayatri Mantra
ॐ भूर्भुवः स्वः, तत्सवितुर्वरेण्यम्।
भर्गो देवस्य धीमहि, धियो यो नः प्रचोदयात्।
Om Bhur Bhuva Svah
TatsaViturVarenyam
Bhargo Devasya Dheemahi
Dhiyo Yo Nah Prachodayat
अर्थ : हम उस प्राणस्वरूप, दुःखनाशक, तेजवान, पापनाशक, देवस्वरूप परमात्मा का ध्यान करते हैं, जो हमारी बुद्धि को सन्मार्ग की ओर प्रेरित करे …
लाभ : इस मंत्र के जाप करने से मानसिक शांति और एकाग्रता में वृद्धि होती है तथा मन से नकारात्मकता दूर होती हैं … इस मंत्र के प्रतिदिन उच्चारण से बुद्धि तेज होती है … और यह तनाव को कम करके शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है …

चौथा मंत्र (श्लोक) श्री गुरु मंत्र
Fourth Mantra (Shloka) Shree Guru Mantra
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुः गुरुर्देवो महेश्वरः।
गुरुः साक्षात् परब्रह्मः तस्मै श्री गुरवे नमः।।
Guru Brahma Guru Vishnuh
Guru Devo Maheshwarah
Guruh Sakshat Parbrahmh
Tasmai Shree Gurave Namah
अर्थ : गुरु ब्रह्मा हैं, गुरु विष्णु हैं और गुरु ही शिव हैं … यह मंत्र गुरु की महिमा और महत्व को इस प्रकार दर्शाता है कि गुरु ही त्रिदेव यानि ब्रह्मा, विष्णु और महेश है …
सीख : यह मंत्र हमें गुरु के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करना सिखाता है … ज्ञान और जागृति का मार्ग दिखाता है … व हमारे भीतर अज्ञानता के अंधकार को दूर करता है …

पाँचवां मंत्र (श्लोक) स्तुति मंत्र
Fifth Mantra (Shloka)
Stuti Mantra
त्वमेव माता च पिता त्वमेव, त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव।
त्वमेव विद्या च द्रविणम् त्वमेव, त्वमेव सर्वम् मम देवदेवः॥
Tvameva Mata Cha Pita Tvameva
Tvameva Bandhuscha Sakha Tvameva
Tvameva Vidya Dravinam Tvameva
Tvameva Sarvam Mam DevDevh
अर्थ : आप ही सचमुच मेरी माता हैं और आप ही सचमुच मेरे पिता हैं … आप सचमुच मेरे रिश्तेदार हो और आप सचमुच मेरे मित्र हो … आप सचमुच मेरा ज्ञान हो और आप सचमुच मेरा धन हो … आप सचमुच मेरे सर्वस्व हो और मेरे देवों के परमेश्वर हो …
सीख : यह मंत्र ईश्वर को सर्वोपरि मानने का भाव सिखाता है … हमारे जीवन के हर पहलू में भगवान ही सहायक है … हमें अपने पूरे जीवनकाल में हर क्षण ईश्वर पर भरोसा करना चाहिये …

छठा मंत्र (श्लोक) नित्य स्मरण मंत्र
Sixth Mantra (Shloka) Daily Remembrance Mantra
या देवी सर्वभूतेषु शक्ति रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥
Ya Devi Sarva Bhuteshu
Shakti Rupena Samsthita
Namastasyai Namastasyai Namastasyai
Namo Namah
अर्थ : जो देवी सब प्राणियों में शक्ति रूप में स्थित हैं … उनको नमस्कार, नमस्कार, बारम्बार नमस्कार है …
लाभ : यह मंत्र आदिशक्ति माँ जगदम्बा यानि माँ दुर्गा के शक्ति रूप की आराधना है। इसके नित्य जाप से हमारे दु:ख दूर होते हैं … इस मंत्र के जाप से मन को असीम शांति मिलती है … और हमारा आध्यात्मिक विकास होता है …

सातवां मंत्र (श्लोक) विश्व कल्याण मंत्र
Seventh Mantra (Shloka) Vishwa Kalyan Mantra
सर्वे भवंतु सुखिनः, सर्वे संतु निरामयाः।।
सर्वे भद्राणि पश्यंतु, मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥
ॐ शांति शांति शांति …
Sarve Bhavantu Sukhinah
Sarve Santu Niramayah
Sarve Bhadrani Pashyantu
Ma Kascith dukh Bhagbhaveta
Om Shanti Shanti Shanti …
अर्थ : सभी सुखी होवें, सभी रोगमुक्त रहें … सभी मंगलमय घटनाओं के साक्षी बनें और किसी को भी दुःख का भागी न बनना पड़े … ॐ शांति शांति शांति …
सीख : यह मंत्र सभी प्राणियों के लिए सामूहिक कल्याण की भावना को बढ़ावा देता है … यह सभी सजीव प्राणियों के लिए सुख, स्वास्थ्य और कल्याण की कामना करता है … इस मंत्र का जाप करके व्यक्ति करुणा और दया की भावना से भर जाता है …

आठवां मंत्र (श्लोक) महामृत्युंजय मंत्र
Eighth Mantra (Shloka) Mahamrityunjaya Mantra
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।
Om Tryambakam Yajamahe
Sugandhim Pustivardhanam
Urvarukamiva BandhananMrtormuksiya
Mamrtat
अर्थ : हम सुगंधित और पोषण करने वाले व तीन नेत्र वाले भगवान शिव की पूजा करते हैं। जैसे एक फल अपनी लता के बंधन से मुक्त हो जाता है, वैसे ही हम भी मृत्यु और नश्वरता से मुक्त हो जाएँ।
लाभ : यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसे मृत्यु पर विजय प्राप्त करने वाला चमत्कारी मंत्र माना जाता है … मंत्र के निरंतर जाप से हमें उत्तम स्वास्थ्य और दीर्घायु मिलती है …

मंत्र एक शक्तिशाली माध्यम …
Mantra is a
Powerful Medium…
Mantras for Deep Inner Peace | 8 Powerful Mantras : मंत्रों की ताकत उनके ध्वनि, अर्थ, लय और सही उच्चारण से उत्पन्न होने वाली ऊर्जा और कंपन में निहित है, जो मानसिक, शारीरिक और आध्यात्मिक स्तर पर प्रभाव डालती है। सही भाव, एकाग्रता और विधि से मंत्र जप करने पर मन शांत होता है। इससे आंतरिक ऊर्जा जागृत होती है और चेतना के उच्चतर स्तर प्राप्त होते हैं। मंत्रों को ब्रह्मांडीय कंपनों से जोड़ने का एक शक्तिशाली माध्यम माना जाता है, जो जीवन में सकारात्मक बदलाव लाते हैं। आपको यह पोस्ट अच्छी व उपयोगी लगी हो तो इसे अपने प्रियजनों से जरूर शेयर करें …
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