Enjoy Life in Every Situation

Enjoy Life in Every Situation

समस्याओं के बावजूद; जीवन का आनन्द लीजिये Enjoy Life in Every Situation

Learn to Enjoy Life despite Problems

एक आदमी अपनी रोजमर्रा की ज़िन्दगी से खुश नहीं था। वो हर समय वो किसी न किसी समस्या से परेशान रहता था। एक बार शहर से कुछ दूरी पर एक महात्मा का काफ़िला रूका। शहर में चारों और उनकी चर्चा से लोग अपनी समस्याएँ लेकर उनके पास पहुँचने लगे। तब उस आदमी ने भी महात्मा के दर्शन करने का निश्चय किया। ऑफिस की छुट्टी के दिन सुबह-सुबह ही वह उन महात्मा के पास पहुँच गया और बोला – बाबा, मैं अपने जीवन से बहुत दुखी हूँ। हर समय कोई न कोई समस्याएँ मुझे घेरे रहती हैं। कभी ऑफिस की टेंशन तो कभी घर की जिम्मेदारियों की टेंशन और कभी अपनी सेहत को लेकर परेशान रहता हूँ। आप तो इतने ज्ञानी है, कृपा करके ऐसा उपाय बताइये कि मेरे जीवन से सभी समस्याएँ खत्म हो जाएँ और मैं सुकून से जी सकूँ ?
तब बाबा मुस्कुराये और बोले, आज बहुत देर हो गयी है मैं तुम्हारे प्रश्न का उत्तर कल सुबह दूँगा। लेकिन क्या तुम मेरा एक छोटा सा काम करोगे ? हमारे काफिले में 100 ऊँट 🐪 हैं। मैं चाहता हूँ कि आज रात तुम उनका ख्याल रखो और जब सौ के सौ ऊँट बैठ जाएँ, तब तुम भी सो जाना। ऐसा कहते हुए महात्मा अपने तम्बू में चले गए।
अगली सुबह महात्मा उस आदमी से मिले और पूछा, बेटा नींद अच्छी आई ना। तब वो आदमी दुःखी होते हुए बोला, कहाँ बाबा, मैं तो एक पल भी नहीं सो पाया। मैंने बहुत कोशिश की, पर मैं सभी ऊँटो को नहीं बैठा पाया। कोई न कोई ऊँट खड़ा हो ही जाता।ये सुनकर बाबा बोले, अब मैं तुम्हारे सवाल का जवाब दें रहा हूँ – बेटा कल रात तुमने अनुभव किया कि चाहे कितनी भी कोशिश कर लो तुम सारे ऊँटों को एक साथ नहीं बैठा सकते। तुम एक को बैठाओगे तो कहीं और दूसरा खड़ा हो जाएगा। जब तुम एक समस्या का समाधान करोगे तो किसी ना किसी कारणवश दूसरी समस्या खड़ी हो ही जाएगी। मतलब जब तक ये जीवन रहेगा, ये समस्याएँ तो ऐसी ही बनी रहेगी। बस फ़र्क इतना होगा कि, कभी तो ये बहुत विकट होगी और कभी बहुत छोटी। अब इसका एक मात्र तरीका यही है कि इन समस्याओं के बावजूद जीवन का आनन्द लेना सीखो।
जैसे कई ऊँट रात होते-होते खुद ही बैठ गए, कई ऊँटों को तुमने अपने प्रयास से बैठा दिया और बहुत से ऊँट तुम्हारे प्रयास के बाद भी नहीं बैठे और बाद में तुमने देखा होगा कि उनमें से कुछ खुद ही बैठ गए। समस्याएँ भी ऐसी ही होती हैं। कुछ तो अपने आप ही खत्म हो जाती हैं। कुछ को तुम अपने प्रयास से हल कर लेते हो और कुछ तुम्हारे बहुत कोशिश करने पर भी हल नहीं होती। ऐसी समस्याओं को समय पर छोड़ देना चाहिए ताकि उचित समय पर वे खुद ही खत्म हो जाये।

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