सेहत के लिए अमृत समान है यह छोटा सा फल
करौंदा कई विटामिंस व पौषक तत्वों से भरपूर होता है
Qualities of Karonda
करौंदा फल का परिचय
इस फल का नाम सुनते ही मन में एक छोटे और गहरे लाल रंग के फल की याद आ जाती है और उसके खट्टेपन से मुँह में पानी भर आता है। बारिश के दिनों में मिलने वाला यह फल स्वाद में कैरी की तरह खट्टा होता है। यह लाल और सफेद व हरे और गहरे लाल रंग का होता हैं। प्रकृति हमें कई ऐसे फल देती है, जिनके गुणों के बारें में हमें पता ही नहीं होता है। करौंदा ऐसा ही एक बेशकीमती और गुणों से भरपूर फल है। यह फल हमें पूरे वर्ष में केवल तीन माह जुलाई से सितम्बर तक ही मिल पाता हैं। बाकी के समय इसे सूखाकर काम में लिया जाता है। बेरी फैमिली का होने के चलते करौंदों में एंटी-ऑक्सीडेंट्स भी अत्यधिक मात्रा में होते हैं, इसलिए इस बेर जैसे छोटे से फल में कई कई विटामिंस व पौषक तत्व विद्यमान होते है। यह भारत में छत्तीसगढ़, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, उत्तर प्रदेश व हिमालय के कई क्षेत्रों में पाया जाता है। पके हुए करौंदे खाने में बहुत अच्छे लगते हैं। करौंदे की सब्जी व अचार बहुत ही स्वादिष्ट होता है। करौंदे से चटनी, जैम, जैली, स्क्वायश और सिरप भी बनाया जाता है।
करौंदे की बनावट, रंग व रूप
करौंदे का पेड़ छोटा व झाड़ की तरह होता है और इसमें कांटे भी होते है। इसकी ऊंचाई केवल 6 से 7 फीट तक होती है। इसके फल गोल, छोटे और हरे रंग के होते है। पकने पर यह गहरे लाल रंग के हो जाते है। जिन्हें बाद में खाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसका स्वाद खट्टा होता है व तासीर गरम होती है।
करौंदा फल के अन्य नाम
हिन्दी में करौंदा, अंग्रेजी में कैरंडस-प्लम (Carandas-Plum), संस्कृत में करमर्द, सुखेण, कृष्णापाक, बंगाली में करमचा, मराठी में मरवन्दी, गुजराती में करमंदी भी कहा जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम कैरिसा कैरेंडस (Carissa Carandu) है।
करौंदा फल से बेनेफिट्स
करौंदे को अगर सुपर पावर वाला फल कहा जाए तो, गलत नहीं होगा। करौंदा भूख को बढ़ाकर पित्त को शांत करता है। कच्चा करौंदा प्यास को रोकता है और दस्तों (Diarrhea) को बन्द करता है। खासकर पित्तजन्य दस्तों (Biliary Diarrhea) के लिये तो अत्यन्त ही लाभदायक फल है। वहीं पका हुआ करौंदा खाने से शरीर में पित्त, विष व वात का विनाश होता है। करौंदा में विटामिन सी और विटामिन ए होता है, जिससे ये शरीर में रोग-प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में सहायक होते है। इसमें पेक्टिन नाम का एक (Soluble) घुलनशील फाइबर होता है, जो कॉन्स्टिपेशन, पेट दर्द, पेट में क्रैंप आदि को दूर करके पाचन तंत्र को बेहतर तरीके से काम करने में मदद करता है। करौंदे में आयरन अच्छी मात्रा में होता है, जो एनीमिया से बचाव में मदद करता है। इसमें पोटेशियम भी भरपूर होता है, जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल रखने में सहायक होता है। इसके अंदर कैलोरी कम और फाइबर ज्यादा होता है, जो वजन घटाने में सहायक होता है। करौंदा मेंटल हेल्थ के लिए भी फायदेमंद है। करौंदा में मैंग्नीशियम के साथ-साथ ट्रिप्टोफेन होता है, जो न्यूरोट्रांसमीटर सेरोटोनिन के प्रोडक्शन को बढ़ा देता है, जिससे ऑवरऑल मेंटल हेल्थ सही रहता है। करौंदा में एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होता है जो सूजन से सम्बन्धित सभी समस्याओं को दूर करने में फायदेमंद होता है। करौंदा की पत्तियों में एंटीऑक्सीडेंट, एंटीकैंसर और एंटीबैक्टीरियल गुण होता है।
सावन के महिने में खट्टे फलों में आलू बुखारा खाना सबसे उत्तम
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घर पर पौधा उगाकर बना सकते है करौंदे देने वाला पेड़
जी हाँ, करौंदे का पौधा आप आसानी से घर पर लगा सकते है। बाजार से करौंदे के बीज लाकर उन्हें गमले में उपजाऊ मिट्टी व खाद डालकर प्रतिदिन जरूरत के हिसाब से पानी देकर देखभाल करते रहना चाहिये। कुछ समय बाद गमले में से पौधा निकल आयेगा, जिसे फिर कच्ची जमीन में बो दीजिये और देखभाल करते रहे। एक-दो सालों में यह पौधा करौंदे नाम का फल देने के लिए तैयार हो जाएगा।
करौंदा व क्रैनबेरी; दोनों अलग है
करौंदा में खट्टापन, सूक्ष्म मिठास व संतुलित तीखापन होता है। जबकि क्रैनबेरी अपने तीव्र तीखेपन के लिए जानी जाती हैं। क्रैनबेरी में कैलोरी और कार्बाेहाइड्रेट कम होते हैं।
बारीश के मौसम में कुछ खट्टा खाने का मन हो रहा हो तो आप करौंदा की सब्जी खाकर अपने मन को शांत कर सकते है। वैसे भी बारीश के मौसम में नीम्बू की खटाई से परहेज बताया गया है, क्योंकि इस मौसम में नीम्बू खाने से गले में खराश हो जाने की प्रबल सम्भावना बनी रहती है। इसलिए इस मौसम में खटास के लिए आलू बुखारा व करौंदा खाना सबसे अच्छा माना गया है। तो आईये जानते है, करौंदा की स्वादिष्ट सब्जी कैसे बनाई जाती है।
करौंदा की सब्जी बनाने की विधि
सबसे पहले करौंदा और हरी मिर्च को साफ पानी से धोकर करौंदे को दो भागों में व हरी मिर्च को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। अब कढ़ाई में एक बड़े चम्म्च सरसों तेल को गर्म करे और फिर इसमें ऊपर बताई गई सामग्री अनुसार हींग, जीरा, मैथी दाना डाल कर इन्हें पकने दें। जब ये सामग्री चटक जाए तो इसमें, सैधा नमक, हल्दी पाउडर, धनिया पाउडर डालें। अब 2-3 मिनट भुनने के बाद इसमें कटे हुए करौंदा और मिर्च को डालकर सभी को अच्छे से मिला लें। अब इसमें पानी मिलाएं और फिर ढक कर कम आंच पर करीब 10 मिनट तक पकाएं। जब करौंदे अच्छे से पक जाएं, तो इसमें थोड़ा सा गुड़ को कूट कर या मसलकर डालें और फिर दोबारा ढक दें। थोड़ी देर बाद गुड़ घलने के बाद इसमें सौंफ और गरम मसाला डालें और फिर बढ़िया से मिक्स करें। टेस्टी-टेस्टी करौंदा-मिर्च सब्जी तैयार हैं। खट्टे-मीठे स्वाद वाली करौंदा सब्जी को रोटी, पूड़ी व पराठें के साथ खाने पर बहुत ही स्वादिष्ट लगती है।
This blog is about Information Qualities of Karonda Fruit. इसे आप सुझाव के रूप में लें। यह जानकारी चिकित्सा के लिए विकल्प नहीं है। अर्चित एक्यूरेट इसके लिए किसी भी तरह की जिम्मेदारी का दावा नहीं करता है। उम्मीद है आपको करौंदा फल (KarondaFruit) के बारें में यह ब्लॉग पसंद आया होगा। कृपया इस ब्लॉग को लाइक करके शेयर भी करें।
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