Story full of Emotions

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हर पति की कहानी

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Husband Wife Conversation

Story full of Emotions आज सुबह मैं जल्दी उठकर बैठ गया और तकिया गोद में रखकर उसे देखता रहा और मन ही मन अपने आप से बातें करने लग गया कि, कौन कहेगा कि ये दो बच्चों की माँ है, खुद भी बच्ची लग रही है। कितनी जिद्दी हो तुम। वैसे गलती मेरी ही थी, अगर नहीं आ सका था तो फोन करके ही बता देता, बेचारी मेरे इंतजार में यूँ बैठी तो न रहती। अब मुझे भी कहाँ पता था कि आज ऑफिस के काम में ऐसे उलझ जाऊँगा। गुस्सैल कहीं की। खाना भी नहीं खाया होगा रात को। फिर सोचा कि, प्यार से इसे मना लूँगा। अभी इसके जागते ही अपने हाथों से चाय बनाकर पिलाता हूँ और आज पोहे भी खुद ही बनाऊँगा।
आखिर ये भी तो यही चाहती है कि कभी-कभी इसके साथ वक्त बिताऊँ। बच्चों को संभालने में ना जाने कहाँ पूरा दिन निकल जाता होगा इसका, मेरे मन में इस तरह के कई विचारों के सैलाब उठ रहे थे। रोज तो मुझसे पहले उठ जाती है, आज अब तक सो रही है? तबियत ठीक तो है इसकी? उसके लिए मन में चिंता भर आई। माथा छूकर देखना चाहा तो वह अचानक से जाग गई। अरे, आप उठ गए, मुझे तो पता नहीं चला, कैसे आँख नहीं खुली मेरी। आपने जगाया क्यों नहीं? फिर मैंने उसे तसल्ली से बिठाया और कहाँ, तू कल रूठ गई थी ना मुझसे। अरे, बस आ गया था गुस्सा। मैं भी आपकी परेशानी समझती हूँ और ऐसा कहते हुए वह मुस्कुराते हुए बोली, चाय बना लाती हूँ।
तभी मेरे ऑफिस का फोन बजा, तुम चाय बनाओ, तब तक मैं नहा लेता हूँ और हाँ, आज ऑफिस भी जल्दी पहुँचना है। तब उसने भी मुस्कुराकर सिर हिलाते हुए हामी भर दी।

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मेरी या शायद हर पति की कहानी ….

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