याद करिए वो सत्रहवें ओवर के बाद का मैच
ये समय है जनाब, जिस दिन चाहेगा
आपको हीरो बना देगा …
तू मेहनत कर इतनी की, ख़ुद को भी चौंका दें
तपा ले खुद को थोड़ा इस मेहनत की धूप में
फिर जिन्दगी भर खुद को, छाओं का तोहफा दें
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Remember that match after the 17th over
टी20 वर्ल्ड कप 2024 का वो 17वें ओवर के बाद का मैच। ओ माय गॉड। भारत ने 20 ओवर खेलकर दक्षिण अफ्रीका को 176 रन का टारगेट दिया। दक्षिण अफ्रीका ने 17 ओवर तक 5 विकेट गंवाकर 155 रन बनाकर बना लिये थे। अब दक्षिण अफ्रीका को आखिरी 3 ओवर यानि 18 गेंद में मात्र 21 रन चाहिये थे, जो कि बड़ा आसान सा स्कोर लग रहा था। स्टेडियम में बैठकर देख रहे सभी सभी दर्शकों में रोमांच व डर पैदा होने लग गया कि 19 नवम्बर 2023 को आईसीसी वनडे इंटरनेशन विश्व कप की तरह भारत इस बार भी बड़ी आसानी से हार जायेगा। मैच के आखिरी वक्त में टीवी व अन्य माध्यम ये मैच देख रहे करोड़ों चाहने वालों की दुआए बेअसर होने जैसे दिख रही थी। क्योंकि अफ्रिकन बल्लेबाज धुंआधार खेल रहे थे और वो बिना पूरे बीस ओवर खेले ही मैच को जल्द खत्म करके विश्व कप को अपने हाथों में लेने को बैताब थे।
दोस्तों, ऐसी सिचुएशन में क्या अफ्रीकन समर्थकों को जीत स्पष्ट नहीं दिखाई दे रही होगी? क्या उस समय हमारी भारतीय की हार हम सभी को नहीं दिखने लगी थी? क्योंकि जीत का अंतर इसी बात से लगाया जा सकता है कि अंतिम तीन ओवर शेष रहते भारतीय टीम की जीत के चांस 100 प्रतिशत में से मात्र पाँच प्रतिशत ही थे, वहीं साउथ अफ्रिका अपनी जीत की ओर बढ़ रही थी।
चूँकि सन् 1996 में मेरे मामा श्री दिलीप जी अग्रवाल द्वारा ब्लेक एण्ड व्हाईट टीवी पर आ रहे वर्ल्ड कप मैच के बारें में पहली बार उन्होंने ही मुझे क्रिकेट देखना और समझना सिखाया था। तब से लेकर मैं इस जादुई खेल को देखता आ रहा हूँ। इस मैच के दौरान मैं भी मन ही मन भारतीय टीम को व स्पीनर्स को भला-बुरा कह रहा था और रह रहकर मेरे जहन में फिर से मि. धोनी का चेहरा उभर रहा था कि अगर आज वो टीम में होते और यह विश्वकप खेल रहे होते तो हम सौ प्रतिशत जीत जाते। खेर ये हर एक खेल प्रेमी के मन में आना स्वभाविक था।
Remember that match after the 17th over
मन के एक कोने में बस एक हल्की सी उम्मीद की किरण थी कि भगवान कुछ चमत्कार हो जाये तो मजा आ जाये। दोनों हाथ जोड़कर उन्हें अपने होंठो से लगाकर लगातार ’’हनुमान चालीसा’’ का वह पावरफुल दोहा जहन में माला जप रहा था कि ‘‘संकट कटे मिटे सब पीरा-जो सुमिरै हनुमत बलबीरा’’ अर्थात् हे वीर हनुमान जी, जो आपका सुमिरन करता रहता है, उनके सब संकट कट जाते है और सब पीड़ा मिट जाती है।
तभी करोड़ों दिलों की प्रार्थना को जैसे ईश्वर ने सुन ली हो कि एकाएक चमत्कार हुआ और सत्रवहें ओवर की चौथी गेंद पर विश्व के नम्बर एक फास्ट बोलर और संकटमोचक मि. जसप्रीत बुमराह ने ओवर द विकेट आकर अपना कोण बदला और गेंद को मिडल पर अच्छी लेंथ पर स्लैंट किया। क्रिज पर अफ्रिकन बल्लेबाज मार्काे जेनसन ने बॉल को स्ट्राइड इन किया और आउट होने से रोकने के लिए सीधा बल्ला दिखाया। लेकिन तेज गति से आती गेंद अंदरूनी किनारे से निकलकर लेग पोल को छूते हुए सीधे विकेट के बेल को गिरा दिया। मि. जसप्रीत बुमराह के छः गेंदों में मात्र दो रन देने से भारतीय टीम की पिचयानवे प्रतिशत हार कुछ उम्मीदों तक जीत में बदलती हुई दिखी। अब भारतीय टीम के जीत के ओर इस उम्दा प्रदर्शन पहुँचने के लिए आखिरी के दो ओवर का मैच और शेष था। साउथ अफ्रीका के पास अब भी 4 विकेट व 12 गेंदें शेष बची थी और जीत के लिए मात्र 19 रन ही बनाने थे। भारतीय कप्तान मि. रोहित शर्मा ने अपनी सूझबूझ से मि. अर्शदीप सिंह को 18वां ओवर करने के लिए बुलाया। मि. सिंह ने भारतीय कप्तान के भरोसे को कायम रखा और अपने आखिरी ओवर में रन रेट को बनाये रखा। मि. सिंह ने छः गेंदों पर मात्र चार रन देकर अफ्रीका की मुश्किलें बढ़ा दी और पूरी टीम में जीत के प्रति एक आग पैदा कर दी। तभी तो कहा गया है कि ‘‘खुद से नहीं हारे तो, जीत निश्चित है’’।
Remember that match after the 17th over
अब बारी थी उस लम्हें की, जिसका इंतजार 140 करोड़ भारतीय बेसब्री से कर रहे थे। बीसवें ओवर को करने के लिए मि. एटीट्यूट के नाम से फेमस मि. हार्दिक पांड्या बोलिंग करने आयें तब विश्व क्रिकेट के खतरनाक बल्लेबाजों में से एक मि. डेविड मिलर क्रीज पर थे। मि. पंड्या की पहली फुल टॉस गेंद जो ऑफ स्टंप के बाहर आ रही थी, उसे मि. मिलर ने बल्ले के जोर से सामने की तरफ छक्के के लिए गेंद को हवा में उठा दिया। यह देखकर कुछ मिली सैकंड तक सब की जान अटक गई और फिर हुआ चमत्कार जैसे श्री हनुमान जी भगवान श्री लक्ष्मण जी को जीवित करने हेतु संजीवनी बूटी को पहाड़ सहित ही उठा लाये थे, ठीक वैसे ही 360 डिग्री के नाम से मशहूर मि. सूर्यकुमार यादव ने तेजी से भागते हुए साअथ अफ्रिका की जीत को निश्चित करने वाली उस 6 रन रूपी बॉल को अपने हाथों से पकड़ा और अपने खेल का अविस्मरणीय प्रदर्शन करते हुए बाउंड्री के अंदर जाने से पहले उसे बाहर की ओर फेंककर, फिर से जम्प लगाकर पकड़ लिया और यह क्या ?? मि. मिलर आउट ! क्या कमाल का कैच ! अरे यह कैच नहीं यह तो मि. सूर्यकुमार ने ट्राफी पकड़ली। वाह मि. यादव, आप कमाल के हैं ! अपनी शानदार सूझबूझ से उन्होंने भारत के लिए उसी समय विश्व कप जीत लिया। मि. मिलर को यकीन ही नहीं हो रहा था कि कभी ऐसा भी हो सकता है। तभी तो कहा गया है कि ‘‘चमत्कार को नमस्कार है’’।
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इस प्रदर्शन के बाद मि. हार्दिक पांड्या भारतीय क्रिकेट इतिहास में लीजेंड बन गये। साल 2011 के विश्वकप में जो काम आलरांडर मि. युवराज सिंह ने भारत के लिए किया था, वही काम इस टी20 विश्वकप में भारतीय टीम के लिए मि. हार्दिक पांड्या ने करके दिखाया।
दोस्तों, हमारी जिन्दगी भी ठीक ऐसे ही रंग बदलती है। बस हमें ईश्वर पर भरोसा रखना होता है और अपने कर्म को पूरी शिद्दत से करते जाना है। यदि आपको ‘‘कर्म करने में आनन्द आने लग जाये’’ तो फिर आपको सफल होने से कोई नहीं रोक सकता। जिस तरह से पूरी भारतीय टीम ने इस पूरे टूर्नामेंट में अपने बेहतरीन प्रदर्शन से ग्रुप की सभी टीमों को हराकर फाइनल में जगह बनाई और विश्व कप जीतकर दिखाया। पिछले साल आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप में लगातार अविश्वसनीय प्रदर्शन से भारतीय टीम ने लगातार जीत दर्ज करते हुए फाइनल तक पहुँचने का सफर तय किया था। हालांकि फाइनल मैच में सभी खिलाड़ियों का प्रर्दशन उतना बेहतरीन नहीं रहा जितना पूरे टूर्नामेंट के दौरान रहा था और भारतीय टीम वह विश्व कप हार गई थी। उस समय सभी टीम के खिलाड़ियों की आँखों से उस हार को लेकर निराशा के आँसू टपक रहे थे, लेकिन टी20 वर्ल्ड की एतिहासिक जीत के बाद जो आँसू खिलाड़ियों की आँखों छलकें थे वह खुशी के थे, मेहनत के थे, अपने खेल के प्रति जुनून के थे, कर्म के पीछे आनंद के थे। दोस्तों, जिन्दगी सबको एक मौका जरूर देती है और ऐसा मौका भारतीय टीम को फिर मिला और 2023 विश्व कप की हार को 2024 टी20 वर्ल्ड कप जीतकर भुला दिया।
तो कुल मिला कर बात यह कि जिन्दगी पर भरोसा रखिये और प्रतिदिन इस अफ्फर्मेशन को कहिये कि मेरे सभी सपने सच हो रहे हैं और मैं अपने सपनों पर काम किए जा रहा हूँ, क्योंकि मैं जानता हूँ कि जो होना है वह एक दिन होकर ही रहेगा।
अब जरा गौर कीजिये कि पूरे टूर्नामेंट में फेल रहने वाले क्रिकेट किंग मि. विराट कोहली फाइनल में मैन ऑफ द मैच कैसे बन गये। ये समय है जनाब, जिस दिन चाहेगा, आपको हीरो बना देगा।
मंजिल को पाने के लिए, खुद को आजमाने के लिए
खुद को सफल बनाने के लिए
जिन्दगी को एक और मौका दें
तू मेहनत कर इतनी की, ख़ुद को भी चौंका दें
तपा ले खुद को थोड़ा इस मेहनत की धूप में
फिर जिन्दगी भर खुद को, छाओं का तोहफा दें
जो समझ न पाये थे तुझे, कि तुझमें कितनी आग है
कुछ ऐसा कर तू, और दुनिया को ये दिखा दें
जिन्दगी को एक और मौका दें
तू मेहनत कर इतनी की, ख़ुद को भी चौंका दें।
अंत में सभी भारतीयों को, क्रिकेट टीम के सभी खिलाड़ियों को व उन सभी खेलप्रेमियों को जिन्होेंने भारत की जीत की दुआएं की। जय रामजी की फिर मिलेंगे, ऐसे ही ईश्वर के किसी चमत्कार को साक्षात देखने ओर उसका विश्लेषण करने के लिए।
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