4 EASY WAYS TO MAKE IT ALL POSSIBLE

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सब सम्भव बनाने के 4 आसान तरीकें

सक्सेस पर पहुँचने के लिए पहली सीढ़ी है अपने काम के प्रति जुनून

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अगर जुनून है तो सब सम्भव है, किसी भी काम के प्रति आपका जुनून सफलता की सीढ़ी दर सीढ़ी चढ़ने में मदद करता है और आखिरी में सफलता के द्वार खोल ही देता है। आपका जुनूनी होना दुनिया में सब संभव बना देता है। यदि आपके हौंसलों में जुनून है, तो आप किसी भी ऊँचाइयों को छू सकते है। जब आप सपनों को पूरा कर रहे होते हैं तो पूरी कायनात आपका कड़ा इम्तिहान लेती है। सपनों को पूरा करते समय भी आप कई नई चीजें सीखते हैं, काम में हुई गलतियों व नुकसान से सबक सीखते हैं, लेकिन फिर भी आप सपनों को पूरा करने में लगातार मेहनत करते हुए डटे रहते हैं, आपका यही जुनून सफलता की यात्रा को ओर अर्थपूर्ण बना देता हैं। आपकी सफलता का ग्राफ केवल इस बात पर निर्भर नहीं करता है कि आप क्या करते हैं या कितनी सफलता प्राप्त करते हैं। बल्कि इस पर निर्भर करता है कि आपके अंदर उस कार्य के प्रति जुनून कितना है। जब आपके अंदर किसी कार्य को लगातार करते हुए उसे पूरा करने की आग पैदा हो जाएगी, तो आप दुनिया में बड़ी से बड़ी सफलता हांसिल करने में सफल हो जाएंगे।

दिनचर्या में अच्छी आदतें अपनाने से जीना आसान हो जाएगा

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जीवन में बुरी आदतें ग्रहण करना बड़ा ही आसान काम है, लेकिन उनके साथ जीना उतना ही मुश्किल होता है। अच्छी आदतें सीखना और उन पर अमल करके प्रतिदिन जीने में शुरू-शुरू में कष्टदायक लगता है, लेकिन कुछ ही समय में आप पायेंगे कि आप जिन वजहों से परेशान होते रहते थे, वें परेशानियां अब आपके दिलोदिमाग में है ही नही और आप पूरे दिन खुशी-खुशी अपना कार्य कर सकेंगे और उनके परिणाम भी बेहतर मिलने लगेंगे। अगर जुनून है तो सब सम्भव है, इसके लिए आपको आज से ही; मैं तो कहता हूँ कि अभी से ही शुरूआत कर देनी चाहिये, ताकि आपको अपने मनमुताबिक वो सब मिल सकें, जिसकी चाह आप अपने दिल में लिये बैठे हो। इसके लिए जरूरी है कि आप कोई भी एक अच्छी आदत से अपने दिन की शुरूआत करें और धीरे-धीरे उस आदत को प्रतिदिन उसी समय करने की आदत बना लें। इसे ऐसे समझिये – जैसे आप सुबह उठते है और बिस्तर पर फैली चद्दर को बिना समेटे ही रूम से बाहर आकर चाय पीने बैठ जाते है, तो आपको बस इतनी मेहनत करनी है कि आप मुस्कुराते हुए उठे और ईश्वर को याद करें उसका धन्यवाद करें एक नई सुबह और नया जीवन देने के लिए। फिर अपनी चद्दर को सही से समेट कर पलंग को व्यवस्थित करके ही रूम से बाहर आये। हाँ हो सकता है ये सब दो-तीन दिन आपको अजीब सा लगे या करने में आलस आये, लेकिन इन्हीं छोटी-छोटी अच्छी आदतों को अपनाने से दिनभर आपका मन खुश रहेगा और मन खुश तो दिन भर शरीर में व दिमाग में अच्छी ऊर्जा का संचरण होता रहेगा। पता हैं यह क्यों होगा क्योंकि आज आपने एक छोटी सी अच्छी आदत अपनाई, इससे आपने अपनी माँ, पत्नी या बहिन को काम निपटाने में थोड़ी मदद जो की …. वो भी खुश तो आप भी खुश। इन्हीं सब तरीकों से आपके व्यक्तित्व का विकास संभव है। आप महसूस करेंगे कि कुछ ही समय में आप इन अच्छी आदतों से उत्कृष्ट काम करने के आदी हो जाएंगे।

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समय के साथ चलकर खुद पर नियंत्रण रखना बहुत जरूरी

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किसी भी सफलता को पाने के लिए कड़ी मेहनत और लगातार लगे रहना बेहद जरूरी है। लेकिन उससे भी ज्यादा जरूरी है कि आपके जीवन में अचानक किसी भी तरह की परिस्थिति आ जाए, फिर भी अपना धैर्य बनाएं रखना और खुद के ऊपर पूर्ण नियंत्रण रखना। जब आप कठिन परिस्थितियों से डरना या उनसे भागना बंद कर देते हैं तो आप उन पर अपना नियंत्रण रख पाते हैं। जैसे आपका व्यापार अच्छा नहीं चल रहा है और आप परेशान होकर मन में यह धारणा बना ले कि फलां ने मेरे ऊपर कुछ करवा दिया है या किसी व्यक्ति विशेष के ऊपर आप शंका करने में अपना समय व्यर्थ करने लग जाए तो इससे नुकसान आपको ही होगा। ऐसी परिस्थिति से निपटने के लिए आपको कुछ दिन शांत बैठकर अपने ईश्वर पर पूर्ण विश्वास रखकर व्यापार में किन-किन कमियों की वजह से आपको नुकसान उठाना पड़ रहा है, उसके समाधान के प्रयास तेज करने में चिंतन करना चाहिए और अपने दिमाग से गलत अंधविश्वास की धारणा को निकाल देना चाहिये। समय के साथ तालमेल बैठाने के लिए मार्केट में नया ट्रेंड क्या चल रहा है, आपके प्रोडक्ट के कंज्यूमर को नया क्या चाहिये या आपके प्रोडक्ट में क्या कमियां है, उन्हें दूर करने के बारें में अपनी टीम से व उपभोक्ताओं से सुझाव लेने चाहिये और अच्छे सुझावों का चयन कर शीघ्र ही उनको अमल में लाकर प्रोडक्शन पर ध्यान देना चाहिये। एक उदाहरण के तौर पर समझे तो विश्व पटल पर ऑटोमोबाईल सेक्टर की दिग्गज जापानी कम्पनी टोयोटा, जो कस्टमरर्स की सुरक्षा के पैरामीटर को विशेष ध्यान में रखकर गाड़ियों का निर्माण करती है। एक समय उसकी गाड़ियों की बिक्री बहुत डाउन हो गई, तब कम्पनी के उस समय के सीईओ ने इस कठिन परिस्थिति को समझा और पूरे विश्वभर से ‘‘कैसे गाड़ी बेहतर बनाएं’’ इस पर सुझाव मांगे। उन्हें ई-मेल द्वारा लाखों मैसेज प्राप्त हुए और उन्होंने अपनी पूरी टीम को एक-एक मैसेज पढ़ने के लिए कहा और जो सुझाव कारगर लगे उसे फिल्टर करके उन पर काम करना शुरू किया। जिसका नतीजा हम सबके सामने है ‘‘टोयोटा इनोवा’’। क्या गजब की गाड़ी बनाई, मोस्ट सेफेस्ट, मोस्ट कंफर्टेबल, बढ़िया संस्पेशन; जिसे आज भी कोई दूसरी कम्पनी टक्कर नहीं दे पा रही है। कहा गया है कि सफलता का रास्ता आसान नहीं होता है। इसलिए समय के साथ चलकर और खुद पर नियंत्रण रखकर ही सफलता सही समय पर व सही दिशा में मेहनत करके ही हांसिल हो सकती है।

लोगों को परखने का माइंडसेट बदलें

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अक्सर यह अवगुण हर एक इंसान में पाया जाता है कि सामने वाला उसके अनुरूप ही जिएं। यह अवगुण कई रिश्तों को खराब कर देता है, जैसे घर में सास-बहु, पति-पत्नी, जेठानी-देवरानी, ननंद-भाभी और ऑफिस में बोस और सहकर्मी या पार्टनरशिप वाले व्यापार में दोनों पार्टनर के बीच। ऐसा इसलिए होता है, क्योंकि जब हम उन्हें पहली बार देखते हैं, तो हम यह उम्मीद लगा लेते है कि हमारे साथ काम करने वाला या साथ रहने वाला हमारी सभी अपेक्षाओं के अनुरूप हमें दिखाई दें। अगर वो जरा भी हमारी अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरते, तो हम जल्द ही निराश हो जाते हैं और त्वरित आकलन करके हमारे दिमाग में कई तरह के गलत फिल्टर लगा देते है। जिससे हमें सामने वाले की केवल कमियों वाली रिपोर्ट कार्ड ही दिखती है। हम उसकी बाकी की अच्छाईयों को भूल जाते है और आपस में मनमुटाव बढ़ने से वह रिश्ता केवल नाम का रह जाता है और धीरे-धीरे उसमें अपनेपन की भावना खत्म होने लगती है। ऐसी स्थिति में कई बार जमा जमाया व्यापार चौपट होकर बंद होने की कगार पर आ जाता है। इसलिए किसी को ‘‘सुधारने के लिए संयम व खुद को सुधरने के लिए प्रतिबंध होने चाहिये। इसे ऐसे समझे कि आपका पार्टनरशिप में एक व्यापार है। एक पार्टनर की मार्केटिंग स्किल बहुत अच्छी है और दूसरे पार्टनर में बेकऑफिस, मैनेजमेंट सम्भालने की खूबी है। तो ऐसे माहौल में प्रोडक्ट भी अच्छा बनेगा और मार्केट में डिमांड भी बनी रहेगी। अब यही अगर दोनों पार्टनर यह समझने लग जाए की मेरी अच्छी मार्केटिंग की वजह से प्रोडक्ट बिक रहा है या मेरे मैनेजमेंट की वजह से प्रोडक्ट अच्छा बन रहा है तो ऐसी पार्टनरशिप ज्यादा दिनों तक नहीं चल सकती, क्योंकि सब कुछ एक व्यक्ति को नहीं आ सकता, ईश्वर ने सभी को अलग-अलग दिमाग देकर इस धरती पर कर्म के लिए भेजा है। आप अपनी नजरों से केवल कमी देखने के फिल्टर को हटाकर सामने वाले को शांत मन से देखें और उसके व्यवहार व काम करने के तरीकें को समझें। ऐसा करके आपको हैरानी होगी कि आप अभी तक उस इंसान में विद्यमान अच्छे गुणों को नजरअंदाज कर रहे थे।

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