Two Secret Ingredients : Make Raw Mango Pickle

Two Secret Ingredients: Make Raw Mango Pickle

MAKE PICKLES HEALTHY : अचार को स्वास्थ्यवर्धक बनाएं

भारत का राष्ट्रीय अचार : कच्ची केरी के अचार

Two Secret Ingredients: Make Raw Mango Pickle – गर्मियों का मौसम आते ही कच्ची अम्बिया (आम) यानि केरी के अचार का ख्याल जहन में आने लगता है। अचार बहुत से फलों एवं सब्जियों व मसालों से बना एक स्वादिष्ट चटपटा व्यंजन है। पूरे भारत देश में हर रसोई में अचार का महत्वपूर्ण स्थान है। राजस्थान के भीलवाड़ा शहर में तो अचार इतना लोकप्रिय है कि अगर भोजन के लिए तीन-चार तरह की सब्जियाँ भी बनी हुई हो तो भी अचार का होना अतिआवश्यक होता है, इसके बिना भोजन से मन व पेट ही नहीं भरता है। इसलिए ‘‘कच्ची केरी का अचार’’ भारत का राष्ट्रीय अचार है। चाहे कोई भी हो, आम के अचार को अपनी थाली में लेने से मना नहीं कर सकता।
अचार की शुरुआत लगभग चार हजार साल से भी पहले हुई थी। प्राचीन मेसोपोटामिया के लोग खीरा ककड़ी को संरक्षित करने के लिए उन्हें अम्लीय नमकीन पानी में भिगोकर रखते थे। तब से दुनिया भर की संस्कृतियों में यह एक प्रधान भोजन के रूप में खाया जाने लगा। कच्ची केरी के अचार का सेवन करने से इम्यूनिटी बूस्ट होती है, साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ी कई अन्य समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इसके साथ ही अगर सरसों तेल में कच्ची केरी के अचार के साथ कुछ मात्रा में मेथी दाना और अजवायन मिला दे तो यह ओर अधिक गुणकारी बन जाता है, तो आईये जानते है इस सीक्रेट रेसिपी के बारें में।

किस मौसम में बनाते है कच्ची केरी का अचार

भारत में कच्ची केरी के अचार को गर्मियों के मौसम यानि जून व जुलाई के महिने में ही डाला जाता है, क्योंकि इस मौसम में कच्ची आम की केरी अचार के लिए बेहद उपयुक्त रहती है और इसे अगर सही विधि से बनाया जाए और समय-समय पर इसे चेक करते रहे तो यह कम से कम एक वर्ष तक बिना खराब हुए खाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।

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कच्ची केरी के अचार में कई पोषक तत्व

कच्ची केरी के अचार में कई पोषक तत्व पाए जाते हैं जिनमें Vitamin A, Vitamin C, Vitamin K, Vitamin E के साथ कैल्शियम, पोटैशियम, आयरन, मैग्नीशियम प्रमुख है। सही विधि से डाले गये अचार को यदि प्रतिदिन एक सीमित मात्रा में भेजन में शामिल करें तो शरीर के भीतर कई स्वास्थ्य लाभ मिलते है। कच्ची केरी का अचार फाइबर व एंटी ऑक्सीडेंट गुणों से भरपूर होता है। जो शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते है।

विटामिन एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है जो सामान्य रूप से दृष्टि और कोशिका स्वास्थ्य के लिए अच्छा होता है। Vitamin K हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह हड्डियों को मजबूत रखने में मदद करता है। यह मस्तिष्क के ग्रोथ हार्माेन की गिनती को भी बढ़ाता है, जिसे ब्रेन-डिराइव्ड न्यूरोट्रॉफिक फैक्टर के रूप में जाना जाता है। यह सूजन, एनीमिया और B12 की कमी को कम करने में भी सहायक माना जाता है।

कच्ची केरी के अचार में मौजूद सही सामग्री से ब्लड शुगर लेवल भी रेगुलेट होता है। मेथी दाना में मौजूद गुण शुगर लेवल को कंट्रोल करते हैं। सीमित मात्रा में डायबिटीज के मरीज भी कच्ची केरी का अचार खा सकते हैं। अचार में डली हल्दी से पाचन शक्ति बढ़ती है व इंफेक्शन का खतरा कम हो जाता है। हल्दी एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीबैक्टीरियल प्रॉपर्टीज से भरपूर होती है, जो अचार के इम्यून बूस्ट करने वाले प्रभाव को बढ़ाती हैं। कच्ची केरी में विटामिन सी काफी होता है, ऐसे में ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को कई गुणा बढ़ता है। विटामिन सी वाइट ब्लड सेल्स के निर्माण में भी मदद करता है, जो शरीर में इंफेक्शन से लड़ने में बेहद आवश्यक होते हैं। अचार में मिर्च पाउडर, सरसों के दाने मेटाबॉलिज्म को बूस्ट करने में मदद करते हैं, साथ ही यह फैट बर्न प्रॉसेस को भी बढ़ावा देते हैं, ऐसे में इसके सेवन से वजन घटाने में मदद मिल सकती है।

कच्ची केरी का चटपटा और मसालेदार आचार भोजन में स्वाद को ओर बढ़ा देता है। इस अचार को भारतीय रसोई का अनमोल हिस्सा माना जाता है। लगभग सभी घरों में आम का अचार सालभर खाया जाता है, यही वजह है कि इस अचार को एक साथ पूरे साल के हिसाब से ही तैयार किया जाता है। कच्ची केरी का अचार डालने के लिए कच्चे आम खरीदने के लिए कुछ बातें जरूर जान लेनी चाहिए। जैसा कि सभी जानते हैं कि आम फलों का राजा होता है और गर्मियों के मौसम में इसकी कई सारी वैरायटी बाजार में मिलती हैं। इसलिए इस अचार के लिए परफेक्ट आम की कच्ची केरी की पहचान करने का तरीका बता रहे हैं।

कच्ची केरी के छिलके से करें पहचान

चटपटा अचार बनाने के लिए कच्ची केरी का सबसे पहले उसका बाहरी कवर यानि छिलका देखना चाहिए। बढ़िया व लम्बे समय तक टिके रहने के लिए मोटे छिलके वाली कच्ची केरी सबसे उत्तम होती है। क्योंकि मोटे छिलके वाली कच्ची केरी खाने में खट्टी होती हैं, इससे अचार बहुम ही चटपटा बनता है। ‘‘आ गया ना मुँह में पानी’’। खट्टी केरी होने की वजह से ही अचार लंबे समय तक सुरक्षित रहता है और इसे खाया जा सकता है।

महर्षि चरक जी के शिष्य ऋषि वाग्भट जी के अनुसार रसोई में आँवला, हरडे और बहेड़ा के बाद अगर कोई गुणकारी सामग्री़ है तो, वह है मेथी दाना व अजवाइन। फिर उसके बाद जीरा और हींग का नम्बर आता है। मेथी दाना वातनाशक और कफनाशक होती है। वात और कफ को जड़ से खत्म करने की अद्भुत शक्ति मेथी दाना में होती है। ऋषि वाग्भट जी ने अपने सूत्रों में लिखा था कि जिस अचार में मेथी दाना व अजवायन है, वो अचार नहीं है, औषधि है। मेथीदाना एक प्रकार की जड़ी बूटी है, जो भूख और पाचन प्रणाली को बेहतर बनाने में सहायक होती है और विभिन्न स्वास्थ्य लाभ प्रदान करती है।

कच्ची केरी के अचार के लिए सामग्री

1 किलो कच्ची कैरी
50 ग्राम सौंफ

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पहला सीक्रेट मसाला
: 50 ग्राम मेथी दाना
दूसरा सीक्रेट मसाला
: 20 ग्राम अजवायन
2 छोटे चम्मच हींग
175 ग्राम सैंधा नमक
50 ग्राम पीली सरसों
2 छोटे चम्मच कलौंजी
500 एमएल सरसों का तेल
75 ग्राम लाल मिर्च पाउडर
2 छोटे चम्मच हल्दी पाउडर

Two Secret Ingredients : Make Raw Mango Pickle
Raksha Bandhan
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Raksha Bandhan
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औषधि स्वरूप कच्ची केरी के अचार की सीक्रेट रेसिपी हिंदी में

कच्ची केरी को सबसे पहले साफ पानी में डालकर अच्छी तरह से धोएं, ताकि उन पर लगी बारीक धूल-मिट्टी व चिपचिपापन निकल जाए। इसके बाद एक-एक केरी को साफ कपड़े से पौछें, इससे उसकी सभी नमी निकल जाएगी। अब केरी के छोटे-छोटे टुकड़े कर लें और उन टुकड़ों से गुठली के अंश को अलग कर दें। अब एक गहरे तले वाले बाउल में कच्चे आम उन टुकड़ों को डालकर ऊपर से हल्दी पाउडर और दो टेबलस्पून नमक डालकर अच्छी तरह से मिक्स कर लें। इसके बाद कच्ची केरी के टुकड़ों को छलनी में रखकर ऊपर से मलमल के कपड़े से ढककर लगभग 5-6 घंटे के लिए कड़ी धूप में रख दें। इसके बाद एक बड़े बर्तन में सौंफ, पीली सरसों, कलौंजी, सेंधा नमक और दो सीक्रेट मसालें मेथी दाना और अजवायन को डालकर अच्छी तरह से मिला लें। अब इस मिश्रण में लाल मिर्च पाउडर और हींग डालकर अच्छी तरह से मिला लें।
अब एक काँच की बरनी (जार) लें और उसमें मैरिनेट किए कच्चे आम के टुकडे़ और मसालों के मिश्रण को उसमें डालकर मिला दें। पहले से तेज गर्म किये हुए सरसों के तेल को ठंडा करके काँच के जार में तेल धीरे-धीरे डालते हुए बड़े चम्मच की सहायता से कच्ची केरी के टुकड़ों व मसालों के मिश्रण को अच्छी तरह से मिक्स करें। इस सब प्रक्रिया के बाद सबसे महत्वपूर्ण यह है कि पूरा अचार तेल में डूबा रहना चाहिए, इससे अचार कई महिनों तक भी खराब नहीं होगा। इसके बाद तैयार अचार को 3-4 दिनों तक रोजाना कुछ घंटों के लिए धूप में रखें। धूप में रखने से इसमें विटामिन डी भी शामिल हो जाता है और कच्ची केरी तेल व मसालों में घलकर नरम हो जाती है। अब इसे आप खाने के लिए काम में ले सकते है।

कच्ची केरी के अचार में फंगस क्यों लग जाता है, कैसे रखे महिनों तक सुरक्षित

यह आमतौर पर हवा में मौजूद सूक्ष्मजीवों या विशेष रूप से कवक बीजाणुओं के कारण होता है। अचार को फंगस से बचाने के लिए सबसे पहले बड़े काँच के जार से जरूरत के अनुसार थोड़ा-थोड़ा अचार छोटे काँच की बरनी में भर लें और बड़े जार का ढक्कन अच्छ से टाईट बंद कर दें। अचार उपयोग में लेते समय केरी के टुकड़े या मसाला; तेल से ऊपर दिखने लगे तो तुरंत सरसों के तेल का गर्म करके, फिर ठंडा करके उसे अचार में मिला दें। अचार को जितना हवा व पानी से बचाकर रखेंगे, वह उतने ही लम्बे समय तक ताजा स्वाद जैसा बना रहेगा।

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