सफलता की एक नई परिभाषा
मेरे प्रिय युवा साथियों,
यदि मैं आपसे सफलता के बारें में पूछूं, तो मुझे मालूम है कि आपका उत्तर क्या होगा। आप यहीं कहेंगे कि जिस उद्देश्य या लक्ष्य को पाने में हम कई समय से लगे हुए है, उस लक्ष्य को भेदकर उसे पा लेना ही सफलता होती है। But I want to tell you A New Definition of Success. हो सकता है कि यह नई परिभाषा आपको सही नहीं लगे, लेकिन विश्वास कीजिये इस ब्लॉग को पूरा पढ़कर आपका जीवन एक नई उर्जा और एक नए आनन्द से भर उठेगा।
एक खिलाड़ी जब अपने बेहतरीन खेल से ट्राफी पा लेता है या एक परीक्षार्थी कठिन परीक्षा में पास हो जाता है या कई कम्पनियों के चक्कर लगाने के बाद किसी युवक को नौकरी मिल जाती है या एक किसान कड़ी धूप में हल चलाकर कुछ समय बाद अच्छी फसल काट लेता है तो इसे ही मानव जीवन में सफल हो जाना कहते हैं। सफलता की परिभाषा का यह सबसे अच्छा उत्तर है और यह उत्तर गलत भी नहीं है।
A New Definition of Success –
इमेजिन कीजिये की आप एक छोटा पौधा लगाते हैं और रोज उसकी देखभाल करते है। उसमें नियमित पानी डालते है और जरूरत के हिसाब से खाद व कीटनाशक डालकर उसकी रक्षा भी करते है।

अब कुछ महिनों के बाद जब छोटा पौधा एक पेड़ का रूप ले लेता है तो उसमें फल भी आने लग जाते हैं, तो इस पूरी प्रक्रिया का यह निष्कर्ष निकलता है कि आप सफल हो गए। अब ठीक इसके विपरीत क्या हम यह भी मान सकते हैं कि नियमित पानी देने और सार सम्भाल करने के बावजूद वह पौधा बड़ा होकर फल नहीं दे पाया तो, यानि कि आप असफल हो गये।
Friends, I am writing this blog only to explain the “A New Definition of Success”.
अब आपको मेरे कुछ सवालों के उत्तर सच्ची-सच्ची देने होंगे।
- जब आपने उस छोटे से पौधे को मिट्टी में लगाया था, तो क्या आपको उस समय खुशी नहीं हई थी ?
- रोज उस पौधे को बढ़ता हुआ देखकर, क्या आपको आनन्द की अनुभूति नहीं हुई होगी ?
- जब आप उसमें खाद-पानी देते थे, तो क्या आपका मन प्रसन्न नहीं होता था?
- ठीक इसके विपरीत यदि वह पौधा पेड़ बनने से पहले ही सूखने लग गया, तो क्या आपके मन में पीड़ा नहीं हुई होगी ?
दोस्तों, क्या किसी भी छोटे पौधे को लगाने का उद्देश्य केवल उसके वृक्ष हो जाने पर इतना ही है कि उसमें फल आने लग जाये। क्या फल आने से पहले उसमें आये फूलों का कोई महत्व नहीं है? क्या उसे बड़ा होते देख आपकी खुशी की कोई कीमत नहीं। इसे ऐसे समझिये कि एक आम का पेड़ छोटी-छोटी केरियों से लदा रहता है, और उनमें से कुछ केरियां पकने से पहले ही टूट जाती है या सड़कर खराब हो जाती है। क्यों सारी केरियां एक साथ आम नहीं बन जाती। यह प्रकृति की अद्भुत व्यवस्था है, क्योंकि यदि सारी केरियां एक साथ पकने लग जाये तो पेड़ की शाखाएँ फलों के बोझ को बर्दाश्त नहीं कर पायेगी और पेड़ गिर जायेगा। तो क्या हम यह कह सकते कि उन कच्ची केरियों का महत्व कुछ नहीं था, जो आम नहीं बन पाई? बल्कि उन केरियों का महत्व तो सबसे अधिक था, क्योंकि उन्होंने कुछ केरियों के फल होने की क्रिया के लिए अपनी कुर्बानी दे दी। अब बात करते है पेड़ की खूबसूरती की, क्या एक पेड़ देखने में सुन्दर और मन को सुकून देने वाला नहीं होता? क्या उसकी छाया की कोई कीमत नहीं होती ? क्या उसके पत्ते, उसकी शाखाएँ और उसकी लकड़ी का कोई मूल्य नहीं होता ? यदि पेड़ के बारें में और पता करना है तो उन पक्षियों को देखिये, जिनके छोटे-छोटे आशियाने पेड़ की शाखाओं व खोह में बने हुए होते है। एक पेड़ अपने पूरे जीवन में उन पक्षियों को मौसम अनुसार आश्रय देता है। क्या इस बात का कोई महत्व नहीं है कि पेड़ कार्बनडाईऑक्साइड को अवशोषित कर उसके बदले में इस धरती पर रह रहे सभी सजीव प्राणियों के लिए ऑक्सीजन की समुचित व निरंतर व्यवस्था कर रहे है।
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आप जब इन सभी प्रश्नों का उत्तर देने लगेंगेे, तो आपके सामने सफलता की नई-नई परतें खुलने लगेगी। ये आपको इस निष्कर्ष पर पहुँचा देगी कि असफलता नाम का कुछ होता ही नहीं है। यदि असफलता होती भी है, तो उसका स्थान केवल हमारे दिमाग में होता है, न की जीवन में। हम कुछ नया कर रहे थे और हमने सोच लिया था कि इसके करने से ऐसा होगा और जब वैसा नहीं हुआ, तो हम समझ लेते हैं कि हमारी सब मेहनत बेकार चली गई। हम ऐसा इसलिए सोचते हैं, क्योंकि हमारे विचारों में निराशा का भाव आ जाता है। ऐसी स्थिति में हमारा मस्तिष्क नेगेटिविटी का शिकार होकर हमें अपने लक्ष्य से हटाकर हमारी इच्छा शक्ति को कमजोर कर देता है।
दोस्तों, सच तो यह है कि सफलता की नई परिभाषा यह है कि ‘‘अपने कर्म में आनन्द की प्राप्ति करना’’। यदि आप काम कर रहे हैं और काम करते हुए आपको अच्छा लग रहा है, तो इसका साफ व सौ प्रतिशत अर्थ यही है कि आप सफल हो गये। आप संगीत इसलिए सुनते हैं, क्योंकि आपको संगीत सुनना अच्छा लगता है। आप डांस इसलिए करते हैं, क्योंकि आपको डांस करना अच्छा लगता है। एक गृहणी को कुकिंग करना अच्छा लगता है। किसी को तैराकी करना पसंद हो, किसी को डिजाईनिंग अच्छी आती हो, कोई गणित के कठिन सवाल हल करने में माहिर हो, किसी की मार्केटिंग स्किल अच्छी हो।
आप खुद बताइये कि इन सब क्रियाओं के करने के बदले यथार्थ में मिलता क्या है-कोई डिग्री, धन, पुरस्कार, प्रशंसा या इसी तरह की अन्य कोई वस्तु? सच तो यही है कि इस क्रियाओं को करने के लिए आप अपनी ओर से ही कुछ न कुछ देते हैं।
तो यदि आपको संगीत सुनने के बदले कुछ नहीं मिलता, कुकिंग करने के बाद उसे ग्रहण करने वाले से कोई अच्छी प्रतिक्रिया नहीं मिलती, कोई काम समय पर सिस्टेमेटिक पूरा करने पर अपने पापा से कभी शाबासी नहीं मिलती तो क्या यह आपका असफल हो जाना हुआ? और यदि ऐसा नहीं हुआ है, तो इसका मतलब हुआ कि आप सफल हो गये।
आप सफल इसलिए हो गये, क्योंकि उस समय संगीत सुनने में आपको आनन्द आ रहा था। किचन में घंटों पसीना बहाने के बाद भी आपको उसे करने में सुकून मिल रहा था। रात को नींद आने पर भी गणित का वह सवाल आपको उसे उसी समय हल करने को मजबूर करने हेतु आप में एक जिज्ञासा पैदा कर रहा था।

इस ब्लॉग के माध्यम से जो मैं आपको यही समझाने की कोशिश कर रहा हूँ कि ‘‘यदि कर्म करने में ही आनन्द आने लग जाये तो वह अपने आप में ही सफलता कहलाती है। जिस दिन आप सफलता की इस नई परिभाषा को जान लेंगे, उस दिन से आपके जीवन से तनाव, दुःख, निराशा जैसे नकारात्मक भाव आपके भीतर अपना प्रभाव नहीं डाल सकेंगे।
सही मायनों में यह “सफलता की एक नई परिभाषा” है। दुनिया में जितने भी लोगों ने सफलता के शिखर को छुआ है, वे ऐसा केवल इसलिए ऐसा कर सके, क्योंकि उन्हें शुरूआत की चढ़ाई से ही आनन्द आ रहा था। कोई भी बड़ा काम बिना आनन्द के किया ही नहीं जा सकता। यही एकमात्र सच है।
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जिन्दगी सबको एक मौका जरूर देती है
मंजिल को पाने के लिए, खुद को आजमाने के लिए
Jindagi Sabko Ek Mauka Jarur Deti Hai
खुद को सफल बनाने के लिए
जिन्दगी को एक और मौका दें
तू मेहनत कर इतनी की, ख़ुद को भी चौंका दें
तपा ले खुद को थोड़ा इस मेहनत की धूप में
फिर जिन्दगी भर खुद को, छाओं का तोहफा दें
जो समझ न पाये थे तुझे, कि तुझमें कितनी आग है
कुछ ऐसा कर तू, और दुनिया को ये दिखा दें
जिन्दगी को एक और मौका दें
तू मेहनत कर इतनी की, ख़ुद को भी चौंका दें
मेरा नाम अर्चित अग्रवाल है। मैं एक वेक्टर ग्राफिक्स एडिटर, पत्रकार और लेखन में नया हूँ। खास तौर पर, मैं निरंतर सीखने के लक्ष्य के साथ जीता हूँ। साथ ही, मुझे अपने पाठकों को सटीक जानकारी प्रदान करना अच्छा लगता है। मैं अपने अनुभवों को शब्दों, चित्रों और वीडियो के माध्यम से आप सभी के साथ साझा करता रूहँगा। अगर आप मेरे ब्लॉंग को पूरा पढ़ते हैं, तो मैं चाहता हूँ कि आप मेरे बारे में कम से कम शब्दों में टिप्पणी अवश्य करें। यदि आपकी प्रतिक्रिया सकारात्मक है, तो यह मेरा मनोबल बढ़ाएगी और यदि नकारात्मक है, तो यह मेरे अंदर कुछ नया और सटीक सीखने की इच्छा पैदा करेगी। अंत में, इस पेज का उद्देश्य कम शब्दों में गहरी बातें समझाना है। मुझे उम्मीद है कि आपको इस पेज के माध्यम से एक नया अनुभव मिलेगा। धन्यवाद।