Measuring Relationships on the Parameters of Money

Measuring Relationships on the Parameters of Money

रिश्तों को पैसों के पैरा मीटर पर मापने की गलती

Measuring Relationships on the Parameters of Money

32 साल की उम्र में मेरी शादी हुई थी। ये थोड़ी देरी से थी और जिससे मेरी शादी हुई उनकी उम्र 35 साल थी। पहले समय में लोग शादी जल्दी करने पर जोर देते थे, लेकिन आज समय बदला है और हम युवा लोग पहले अपना भविष्य बनाने के पीछे भाग रहे होते हैं। कम उम्र में हुई शादी से पार्टनर और परिवार से घुलने-मिलने में आसानी हो जाती है। लेकिन देरी से हुई शादी से रिश्तों को समझने में जटिलता आती हैं। कई बार हम अपने आप को नए माहौल में जल्दी से ढाल नहीं पाते। जब मेरी शादी हुई तो मुझे पता था कि जिससे मेरी शादी हो रही है वो कम कमाता है, लेकिन मेरे पापा का यूँ अचानक से इस दुनिया से चले जाने व मेरी बढ़ती उम्र से मेरी माँ को भी काफी चिंता होने लगी थी। सहेलियों से पूछा तो उन्होंने बोला पति को शारीरिक सुख दो तो, वो तुम्हें दुनिया के सारे सुख देगा। अपनी सहेलियों और चाची से ये बातें हमेशा सुनती आ रही थी। इन्हीं सब बातों और माँ की चिंता को ध्यान में रखते हुए मैंने शादी कर ली। लेकिन असल में कमी कुछ और थी। शादी के बाद पत्नी के साथ-साथ एक पुरुष की जिंदगी में एक ओर चीज आती है, जिसे हम जिम्मेदारी के नाम से जानते हैं। जिनसे मेरी शादी हुई, वो इस बात को जानते थे की मैं इस शादी से खुश नहीं हूँ क्योंकि उनकी आय बहुत कम है और मेरे सपने ज्यादा।

शादी की पहली रात को ही उन्होंने मुझसे कहा कि देखो मेरी आय कम है और जिम्मेदारियाँ ज्यादा। इसका कतई ये मतलब नहीं है की हम दोनों साथ में खुश नहीं रह सकते। मैं तुम्हे सभी संसाधन तो नहीं दे सकता, लेकिन इतने जरूर दे सकता हूँ कि हमारी जिंदगी अच्छे से चले। ये देखते-देखते करीब एक महिना निकल गया। हम दोनों के बीच पति-पत्नी वाला रिश्ता बना ही नहीं शायद। फिर सहेलियों से मिलना हुआ तो सभी ने फिर वही बात कही कि, उसे खुश रखो, वो तुम्हारी जरूरतें पूरी करेगा।
महीने के अंत में उन्हें 25 हजार रू. सैलेरी मिली, जिसमें से 5 हजार रूपये भविष्य के लिए सुरक्षित रख कर बाकी के 20 हजार मेरे हाथ में रखकर कहा कि, मेरी जरूरतें काफी सीमित है, ये रूपये तुम रखो। अगर मुझे जरूरत हुई तो तुमसे ले लूँगा। अब तुम अपने हिसाब से घर खर्च चलाओ। पर जब मैंने हिसाब लगाना शुरू किया तो ये 20 हजार भी कम पड़ने लगे। जब मैंने उनसे इस बारे में बात की तो, वो बोले थोड़ी दिक्कत हो सकती है लेकिन मैं दूसरी जाॅब के लिए कोशिश कर रहा हूँ। ऐसे करते-करते शादी को 6 महीने हो गए और हमारा आपसी मनमुटाव भी बढ़ता चला गया।
मैं रोज ताना मारकर कहती कि और पैसे कमाओ, वो बोलते; जो हैं उसमें ही घर चलाओ। बात इतनी बढ़ गई की मैं अपने मायके आ गई और मन बना लिया की कभी ससुराल नहीं जाउँगी। वें कई बार मेरे घर आये और मुझे समझाया भी। थक हार कर मैंने भी बोल दिया, जिस दिन आप अच्छा कमाने लगोगे, उस दिन मुझे लेने आ जाना। अभी तो पूरी तरह से मेरा खर्चा भी नहीं उठा पा रहे हो। मेरे इस तरह के व्यवहार से उन्हें काफी बुरा लगा और वो वहाँ से चले गये। वें वापस तो गये, लेकिन कभी लौटकर नहीं आये, क्योंकि इस बार उस इंसान के गिरेबां पर चोट पहुँची थी। उन्होंने अपने वकील से फोन कराकर ये संदेश पहुँचाया कि अगर तुम मुझसे अलग होना चाहती हो तो हो सकती हो। ये सुनकर मेरा गुस्सा और भड़क गया। मुझे लगा की जो इंसान मेरा खर्च नहीं उठा सकता, वो मुझे छोड़ने की धमकी दे रहा हैं। मैंने भी जवाब भिजवा दिया कि नहीं रहना है तुम्हारे साथ …..। अब हम सीधा कोर्ट में मिले, वहाँ हमारी सुनवाई हुई ओर जज ने पूछा तो उन्होंने स्पष्ट बोला, कि मेरी सैलेरी कम है, जिससे इन्हें आपत्ति है और मैं इन्हें खुश नहीं रख पा रहा हूँ। मेरे बस में इससे ज्यादा कुछ नहीं। जज ने मुझे समझाया, लेकिन अपने इगो व उनके प्रति गुस्से की वजह से मैंने किसी की नहीं सुनी और कुछ समय बाद हम कानूनन अलग हो गये।
अलग होने के बाद लगभग छः महीने तक मैं घर पर ही थी और फिर एक जगह जाॅब जोईन कर ली। घर से निकलकर कमाने जाने पर पता चला की, ये कितनी मेहनत का काम है। मेरी पहली सैलेरी 15 हजार थी। लेकिन अब समझ में आने लगा था कि नौकरी करना कितना कठिन काम है। कुछ भी चाहो लेकिन हमारे हाथ में कुछ भी नहीं है। पहले घर बैठे 20 बीस हजार रूपये हाथ में मिल जाया करते थे, लेकिन अब 15 हजार रूपये भी जल्दी उठकर सुबह 10 बजे से शाम के 6 बजे तक कड़ी मेहनत से काम करने व दुनिया के हेरसमेंट का सामना करने के बाद मिल पा रहे थे। जिसे मैंने यह कहकर अपने जीवन से अलग कर दिया था कि वो मेरा खर्च नहीं उठा पा रहा है, आज उनकी एक बड़ी कम्पनी में जाॅब है और सैलेरी करीब एक लाख रुपए महिना है।
“Money is not the most important thing in the world”
However, money plays an important role. It is a part of the journey of life. Understanding the dynamics between money and these important life factors ensures that we stay on the right track and live our goals while balancing our relationships and life.

Measuring Relationships on the Parameters of Money

मैंने रिश्तों को पैसों के पैरा मीटर पर मापने की गलती की थी। आज के दौर में हम जैसी लड़कियाँ शादी करने से पहले ये जानना चाहती हैं कि लड़का कितना कमा रहा है। वह मेरे और होने वाले बच्चों के खर्च उठा पायेगा या नहीं। मेरे सपने पूरे करेगा या नहीं। मैं जो चीज मागूंगी वो दिलायेगा या नहीं। मुझे दुबई या वर्ल्ड टूर करायेगा या नहीं। एक लम्बी लिस्ट हम अपने जहन में भरकर लड़के को पसंद और नापसंद के तराजू पर तौलते है। लेकिन असल जिन्दगी में किसी से शादी करने से पहले ये जानना जरूरी होता है कि उसका चरित्र कैसा हैं। शादी जैसे पवित्र बंधन को निभाने के लिए जरूरी है आपसी सहमति, सामंजस्य, साथ, झुकाव, मान-सम्मान और विश्वास।

1 Comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *